संतकबीरनगर में सूदखोरों ने फैलाया मकड़जाल, परेशान हो रहे जरूरतमंद

संतकबीरनगर में सूदखोरों ने फैलाया मकड़जाल, परेशान हो रहे जरूरतमंद


संतकबीरनगर में सूदखोरों के मकड़जाल में फंसकर जरूरतमंद काफी परेशान हो रहे हैं। दबाव पड़ने पर उच्चाधिकारियों से शिकायत होती है। कई शिकायत के बाद भी सूदखोरों पर कार्रवाई नहीं हो पाती है। उनके ऊंचे रसूख के चलते जिम्मेदार भी कार्रवाई करने से कतराते हैं। 


जिले के तमाम लोग सूदखोरों के मकड़जाल में उलझे हैं। जरूरतमंद रुपए की आवश्यकता पड़ने पर किसी न किसी माध्यम से सूदखोरों के पास पहुंच जाते हैं। दस से 15 प्रतिशत ब्याज पर रुपए लेने के बाद अपना काम पूरा कर लेते हैं। उसके बाद ब्याज भरते-भरते उनके पास मूलधन एकत्रित नहीं हो पाता है। ऐसे में अवसाद से ग्रस्त होकर लोग आत्मघाती कदम तक उठा लेते हैं। काफी परेशान होने पर मामले की शिकायत उच्चाधिकारियों से होती है। ब्याजखोरों के ऊंचे रसूख के चलते उनका बाल बांका नहीं होता और वह निडर होकर अपना धंधा चला रहे हैं।


कई मामलों में हुई शिकायत 
नलकूप आपरेटर चंद्रप्रकाश की मौत के बाद एक बार फिर से सूदखोरी का मामला चर्चा में आया। पूर्व में भी पुलिस के समक्ष कुछ मामले पहुंचे। जिसमें पुलिस ने आरोपितों पर कानूनी शिकंजा कसा। पूर्व में कोतवाली खलीलाबाद पुलिस ने चंद्रभान यादव निवासी भैंसाखूट के विरुद्ध साहूकारी अधिनियम, मारपीट व अन्य धारा में मुकदमा पंजीकृत कर न्यायालय में प्रस्तुत किया था। तत्कालीन स्वाट अल्फा टीम के प्रभारी प्रदीप कुमार सिंह की टीम ने चंद्रभान के हत्या की साजिश रचने वाले दो सुपारी किलर को भी दबोच कर जेल भेजा। आरोप था कि चंद्रभान से लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व अजय कुमार ने 32 लाख रुपए आठ प्रतिशत ब्याज की दर से जमीन खरीदने के लिए उधार लिया था। रुपए न मिलने पर अजय को बंधक बनाकर चंद्रभान प्रताडि़त करता था। इससे आजिज आकर अजय ने सच्चिदानंद उर्फ भल्लर व संतोष कुमार को चंद्रभान के हत्या की सुपारी दे दिया। इसी बीच अजय की पत्नी ने पति के प्रताड़ना की शिकायत पुलिस से की। तत्कालीन एसपी आकाश तोमर के निर्देश पर जब जांच पड़ताल शुरू हुई तो सूदखोरी का मामला निकलकर सामने आया। नलकूप चालक चंद्रप्रकाश की मौत के बाद एक बार फिर से सूदखोरी का जिन्न सामने आया है।


एसपी ब्रजेश सिंह ने कहा कि सूदखोरी के मामले की पुलिस के सामने शिकायत आने पर तत्काल कार्रवाई की जाती है। आम जनमानस सूदखोरों के चंगुल में फंसने से परहेज करें। इससे वह चैन से परिवार के साथ रह सकते हैं।